NEELAM GUPTA

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लेखनी प्रतियोगिता -11-Dec-2021 सफलता और मौसम

ऊंचाई यानी सफलता क्या यह एक दिन में मिल जाती है या सिर्फ किताबों के ज्ञान से केवल पढ़कर मिल जाती है ।एक एक सीढ़ी चढ़कर ही ऊचाईयां छू सकते है।क्या बिना चढ़े एक साथ ऊंचाई पा सकते है?

नहीं ।

कोई भी सफलता हमें कार्य करने से प्राप्त होती है। एक ही कार्य में निपुण होना कार्य की सफलता की कुंजी है। जब एक कार्य को निरंतर लग्न से करते रहते है तो उस कार्य में दक्ष हो जाते हैं। तो उस कार्य में हमें कोई पीछे नहीं कर सकता है ।

एक गृहणी (स्त्री) की नजर से देखे कि किस प्रकार एक सफल गृहणी बनने में भी सालों लग जाते है ।पूरे घर को संभालना कोई आसान कार्य नहीं है। आते जाते हुए समान को अपनी जगह पर पहुंचाना ।सब की जरूरत के अनुसार भोजन बनाना ।बजट को ध्यान में रखकर  सामान लाना ।

अब देखिये मिक्सी चलाना कितना आसान है फिर भी हम जानते हुए कि गर्म तरल पदार्थ ऊपर उछल कर सारा फैला देगा और नुकसान होगा अलग यह कार्य हम जल्दबाजी में कभी भी कर जाते है ।

फिर जब बच्चे यहीं काम करते है तो उन्हें सूनाते है तुम्हे जरा अक्ल नहीं है गर्म चीजें भी कोई पीसता है ।सारे काम करने से ही पता चलते हैं। कितना मसाला भूनना है तेज आंच पर या कम पर।कितनी देर में दूध गर्म होगा । भरवाँ पराठे पतले, गोल कैसे बेले जाते है । इसी तरह सारे काम से जो करने से ही पता चलता है वह किस तरह से कम समय और उचित ढंग और समय अनुसार हो पाएगा।

हर कार्य को करने से ही पता चलता है सब कितना भी जान ले ।बिना करें,लेकिन सफल अभ्यास  करने से ही होगे।  तभी अपनी गलतियों का एहसास भी होगा।और तभी सीखेंगे।सब कहेंगे ये भी कोई काम है ये तो सभी आसानी से कर लेंगे ।

एक बार गृहिणी दो दिन को बाहर क्या जाए सारा घर उथल-पुथल हो जाता है। घर के सारे सदस्य मिलकर भी घर नहीं संभाल पाते है जिसे गृहणी अपने अनुभव से तीन से चार घंटे में कर लेती है। सबके अनुसार कार्य करते हुए। यही जीवन का विकास हैं।

गर्मियों में तो ग्रहणी का और बुरा हाल होता है। पसीने से तरबतर ग्रहणी जब गर्मी की तपिश में  गैस के चूल्हे के आगे पसीने बहाते हुए दो-तीन घंटे ऐसे ही निकाल देती है। और खुशी-खुशी पूरे घर के लिए भोजन तैयार करती है ।जहाँ परिवार वालों को एसी में बैठ कर भी शांति नहीं मिल रही होती ।वहाँ चमकते सूरज के साथ लू में दोपहर को घर का सामान लाकर घर को सजा सवारती है। बच्चों को स्कूल से लाना ,चाहे घर में हो या सर्दी ।गर्मियों में तो बच्चे आकर एसी और कूलर की तरफ भागते हैं वहीं  एक गृहणी  घर आकर एक गिलास पानी पीते हुए बच्चों के कार्य में लग जाती है ।घर की जिम्मेदारियां निभाती है।

बस उसको आराम तो अपनी गर्मी की छुट्टियों में मैं मायके जाकर ही मिलता है। जहां वह बिंदास रहती है ।वह सारे साल भर का खुशियां अपनी झोली में भर लाती है इतनी बेसब्री से बच्चे इंतजार नहीं करते छुट्टियों का जितना एक गृहणी करती है। अपने मां पिता से मिल उसके और उसके माता-पिता को कलेजे को ठंडक का एहसास होता है।

गर्मियों की छुट्टियों के दिन वैसे भी बहुत निराले होते हैं अपने भाई भतीजे के संग मिलकर बहन भाइयों के संग मिलकर खुब मजा करती है। गर्मियों में पिकनिक पर जाना और मजा आता है ।क्योंकि दिन बड़े होते हैं और खुलकर एंजॉय कर पाते हैं स्विमिंग पूल में नहाना एक दूसरे पर पानी फेकना गर्मियों में ही कर सकते हैं। तब एक औरत अपना बचपन याद करते हुए वह गर्मी की छुट्टियों को अपने जीवन काल का सबसे सुंदर समय मानती है। गर्मियों की छुट्टियों में हिल स्टेशन पर जाने का भी अपना मजा है। खूब लस्सी शिकंजी पीते हैं वह ठंडी ठंडी आइसक्रीम खाते हुए जिंदगी की मौज उड़ाते हैं। गर्मियों के दिनों को याद करते हुए मैं अपनी सारी यादें समेट लेती है कुछ भी दिनों में और अपनी आंखों में सपने सजाए अपने यहां वापस आती है। फिर अपनी घर परिवार को संभालते हुए उन्हें अपने परिवार की जिम्मेदारियों में समर्पित हो जाती है। और फिर  से एक नए कार्य में जुट जाती है।

अभ्यास ही सफल होने व ऊचाईयां पाने का एक सुन्दर सफल रास्ता है। औरत भले ही दिन मे  रेगिस्तान की तरह गर्म रहे लेकिन रात को शीतल हो सबको अपने प्यार की ठंडक का एहसास देती है।

एक स्त्री की नजर से ये मैंने अपना अनुभव आप सभी के साथ बाँटा है ।आप भी अपनी राय अवश्य दें।

🌹🌹(नजरिया)🌹🌹


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7 Comments

Seema Priyadarshini sahay

13-Dec-2021 12:07 AM

बहुत खूबसूरत

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Abhinav ji

12-Dec-2021 11:47 PM

Bahut badhiya

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Gunjan Kamal

12-Dec-2021 05:43 PM

बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति 👌

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